कुछ वक़्त में नया सा है,
कुछ रक्त में नया सा है,
कुछ मंज़िलें हैं और भी
एक रास्ता नया सा है।
पड़ाओ तुम उखाड़ लो
अंगड़ाइयाँ तुम झाड़ लो,
रौशनी भी नयी सी है
और सूर्योदय नया सा है ।
बिस्तरें तुम संभाल लो
एक चाय तुम उबाल लो,
कुछ बिस्किटें नयी सी हैं
गुड़ का स्वाद नया सा है।
फेफड़ों में भर लो साँस
दिल में एक नयी सी आस
पाँवों के है नये निशाँ
जोश कुछ नया सा है।
कुछ रक्त में नया सा है,
कुछ मंज़िलें हैं और भी
एक रास्ता नया सा है।
पड़ाओ तुम उखाड़ लो
अंगड़ाइयाँ तुम झाड़ लो,
रौशनी भी नयी सी है
और सूर्योदय नया सा है ।
बिस्तरें तुम संभाल लो
एक चाय तुम उबाल लो,
कुछ बिस्किटें नयी सी हैं
गुड़ का स्वाद नया सा है।
फेफड़ों में भर लो साँस
दिल में एक नयी सी आस
पाँवों के है नये निशाँ
जोश कुछ नया सा है।
No comments:
Post a Comment